वो एक शाम और माँ की याद
कुछ रेसिपियाँ ऐसी होती हैं जो सिर्फ स्वाद नहीं देतीं — वो एक समय, एक एहसास, और किसी अपने की याद को जीने का बहाना बन जाती हैं। मेरे लिए भिंडी बेसन की सब्ज़ी वैसी ही एक रेसिपी है।
मुझे आज भी याद है वो एक सर्द शाम — काम से थकी हारी मैं घर लौटी थी, मन कुछ हल्का सा उदास था, भूख भी थी लेकिन कुछ 'फैंसी' बनाने का मन नहीं। तभी याद आई माँ की भिंडी बेसन वाली सब्ज़ी — हल्की सी खट्टी, बेसन की नट्टी खुशबू वाली, और गर्म रोटी के साथ दिल को छू लेने वाली।
माँ इस सब्ज़ी को अकसर उन दिनों बनाती थीं जब ज़िंदगी भाग रही होती थी, लेकिन वो चाहती थीं कि खाने में वो ममता का स्वाद बना रहे। उसी दिन मैंने पहली बार ये रेसिपी खुद से बनाई थी — और सच कहूँ तो, जैसे ही बेसन की खुशबू पूरे घर में फैली, ऐसा लगा जैसे माँ पास ही खड़ी हों।
सामग्री (Ingredients)
4 लोगों के लिए, प्यार भरपूर:
500 ग्राम भिंडी (स्वच्छ और सूखी)
½ छोटा चम्मच हल्दी पाउडर (भिंडी के लिए)
1 छोटा चम्मच नमक (भिंडी के लिए)
½ कप बेसन (चना आटा)
1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
½ छोटा चम्मच हल्दी पाउडर (बेसन के लिए)
½ छोटा चम्मच नमक (बेसन के लिए)
1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर
½ कप दही (ताज़ा)
2 बड़े चम्मच सरसों का तेल
1 छोटा चम्मच जीरा
½ छोटा चम्मच अजवाइन
1 बड़ा चम्मच बारीक कटे लहसुन
2–3 हरी मिर्च (बीच से चीरी हुई)
2 प्याज़ (मोटे स्लाइस में कटे हुए)
पानी (ज़रूरत अनुसार)
थोड़ा सा नमक (अंत में स्वाद के लिए)
1 बड़ा चम्मच हरा धनिया (गार्निश के लिए)
विधि (Instructions)
STEP 1. भिंडी की तैयारी
भिंडी को प्यार से धोकर कपड़े से अच्छे से सुखा लें — यह ज़रूरी है वरना वो किचकिची हो जाएगी। फिर इसके दोनों सिरे काट लें और मध्यम टुकड़ों में काटें। अब उसमें ½ छोटा चम्मच हल्दी और 1 छोटा चम्मच नमक डालें और 10-15 मिनट के लिए रख दें ताकि वह अपने अंदर वो नमकीन हल्दीपन समा सके।
STEP 2. बेसन की सौंधी तैयारी
अब एक सूखी कढ़ाई लें और उसमें बेसन को धीमी आँच पर भूनें। जैसे ही बेसन से हल्की-हल्की खुशबू आने लगे और उसका रंग सुनहरा हो जाए, समझिए वो तैयार है। इसमें कोई शॉर्टकट नहीं — यहीं से आपकी सब्ज़ी का जादू शुरू होता है।
STEP 3. बेसन का मिश्रण बनाएं
भुने हुए बेसन में लाल मिर्च, हल्दी, नमक और धनिया पाउडर डालें। फिर धीरे-धीरे थोड़ा पानी डालकर स्मूद पेस्ट बना लें। इसके बाद उसमें दही मिलाएँ और अच्छे से फेंट लें ताकि कोई गाठें न रहें। इस मिश्रण को एक तरफ रख दें।
STEP 4. तड़के की शुरुआत
अब एक कढ़ाई में सरसों का तेल डालें और उसे धुआँ छोड़ने तक गर्म करें — यह सरसों के तेल का स्वभाव है। आँच धीमी करें और उसमें जीरा और अजवाइन डालें। जब वो तड़कने लगे और उनकी खुशबू आपको हल्के से मुस्कुराने पर मजबूर कर दे, तब अगला स्टेप करें।
STEP 5. भिंडी को सुनहरा बनाएं
अब मसालेदार भिंडी को तेल में डालें और मध्यम आँच पर भूने। आधे पकने के बाद लहसुन और हरी मिर्च डालें और तब तक पकाएँ जब तक लहसुन सुनहरा न हो जाए।
अब प्याज़ डालें — ये प्याज़ सब्ज़ी में मिठास भरते हैं। प्याज़ को इतना पकाएं कि वो नरम हो जाएँ लेकिन अपनी बनावट बनाए रखें।
STEP 6. बेसन-दही मिश्रण का जादू
अब वो घड़ी आ गई जब बेसन-दही वाला प्यार भिंडी से मिलेगा। मिश्रण को धीरे-धीरे सब्ज़ी में डालें और धीरे से चलाएं। ज़रूरत हो तो थोड़ा पानी डालें — पर इतना नहीं कि सब्ज़ी बहने लगे। धीमी आँच पर ढककर पकाएं जब तक भिंडी पूरी तरह से पक न जाए और बेसन थोड़ा गाढ़ा न हो जाए।
STEP 7. परोसने की तैयारी
अंत में थोड़ा सा नमक चखकर डालें और ताज़ा हरा धनिया छिड़कें। गरमा गरम रोटी या पराठे के साथ परोसें — और अगर घर में कोई ताज़ा रायता बना दे, तो फिर क्या ही कहने!
कुछ दिल से टिप्स:
भिंडी को सुखाना मत भूलना — यह सबसे अहम स्टेप है अगर आप किचकिच नहीं चाहते।
बेसन को धीमी आँच पर ही भूनें, नहीं तो वो कड़वा हो सकता है।
दही को अच्छे से फेंटें, नहीं तो गांठें बन जाएँगी।
तेल को अच्छे से गर्म करें — वरना उसमें वो सरसों का तीखापन नहीं आएगा।
क्या खाएँ साथ में? (Pairing Guide)
नरम फुल्का या तवा पराठा — सबसे क्लासिक कॉम्बिनेशन।
चटपटे दाल तड़के के साथ कुछ जीरा राइस — परफेक्ट बैलेंस।
खट्टा-मीठा रायता या पुदीना वाली छाछ — गरमियों में जान।
FAQs — आप पूछें, हम बताएं
Q: क्या मैं बिना प्याज़-लहसुन के बना सकती हूँ?
बिलकुल! बेसन और मसाले इतने फ्लेवरफुल हैं कि आपको प्याज़-लहसुन की कमी महसूस नहीं होगी।
Q: बेसन क्यों डालते हैं इस सब्ज़ी में?
बेसन सिर्फ स्वाद नहीं बढ़ाता, वो भिंडी की नमी भी सोख लेता है जिससे वो किचकिची नहीं होती। साथ ही उसमें एक हल्की कुरकुराहट आ जाती है।
Q: क्या फ्रोजन भिंडी से बना सकते हैं?
हाँ, लेकिन उसे अच्छी तरह डीफ़्रॉस्ट और सुखा लें वरना सब्ज़ी गीली हो जाएगी।
आख़िरी बात: सब्ज़ी नहीं, एहसास है
भिंडी बेसन की सब्ज़ी एक comfort food है — जो आपको यादों में लौटाती है, जो सिंपल होते हुए भी रूह तक जाती है। हर बार जब मैं इसे बनाती हूँ, मैं सिर्फ भूख नहीं मिटाती — मैं अपने अंदर के बच्चे को वो एक शाम फिर से जीने देती हूँ जब माँ की बनाई ये सब्ज़ी, दिन की सारी थकान हर लेती थी।
अगर आपको यह अंदाज़ पसंद आया और आप चाहें तो मैं इसी स्टाइल में और रेसिपियाँ, कहानी-संवेदना और स्वाद के साथ तैयार कर सकता हूँ। बताइए — अगली डिश कौन सी हो?
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