नमस्कार दोस्तों,
मैं सचिन नागर हूं, और आज मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूँ मेरी एक बेहद पसंदीदा डिश – Spicy Aloo Sabji Recipe। लेकिन ये कोई साधारण आलू की सब्ज़ी नहीं है। इसमें है महाराष्ट्र की खुशबू, माँ के हाथों की याद, और वो मसाले जो हर कौर में एक कहानी सुनाते हैं।
💭 एक छोटी सी कहानी...
जब मैं छोटा था, रविवार की सुबह का एक ही मतलब होता था – रसोई से आती हुई सरसों के तड़के और कड़ी पत्ते की गूंजती खुशबू। माँ की आवाज़ – “उठ जा, गरम गरम पुरी और आलू की भाजी तैयार है।” और फिर मैं बिना नहाए सीधे रसोई में।
उस दिन जो स्वाद आता था ना… उसे आज भी मैं दोहराने की कोशिश करता हूं। और आज, मैं वही माँ वाला प्यार, महाराष्ट्र वाला ज़ायका, और मसालों का जादू आपके लिए लेकर आया हूं।
📝 रेसिपी की झलक:
परोसने की मात्रा: 4-5 लोग
तैयारी का समय: 5 मिनट
पकाने का समय: लगभग 60 मिनट
🧂 सामग्री – जैसे घर में होती है वैसे!
मुख्य मसाले:
तेल – 2 बड़े चम्मच
राई (सरसों) – ½ बड़ा चम्मच
जीरा – 1 छोटा चम्मच
कड़ी पत्ते – 10-15 पत्तियाँ
हींग – 1 चुटकी (ज़रूरी है!)
लाल मिर्च पाउडर – 2 छोटा चम्मच
हल्दी – ½ छोटा चम्मच
नमक – स्वादानुसार
जीरा पाउडर – ½ छोटा चम्मच
धनिया पाउडर – ½ छोटा चम्मच
कंदा लसूण मसाला – ½ बड़ा चम्मच (दिल है इसका!)
गरम मसाला – 1 छोटा चम्मच
बाकी सामग्री:
प्याज – 2 (बारीक कटे)
आलू – 3-4 (छोटे टुकड़ों में कटे)
टमाटर प्यूरी – 1 मध्यम टमाटर की
भूनी मूंगफली का दरदरा पाउडर – ¼ कप
धनिया पत्ती – 2 बड़े चम्मच (कटी हुई)
वतन (Coarse Paste):
हरा धनिया – 1 मुट्ठी
हरी मिर्च – 2
लहसुन – 6-8 कलियाँ
पानी – आवश्यकता अनुसार
🍳 बनाने की विधि – माँ की शैली में
🔹 STEP 1: बनाएं वतन – असली जान!
सिल-बट्टे का ज़माना गया नहीं है! अगर है, तो वहीं पिसिए – वरना मिक्सी में झटपट पीस लीजिए। हरा धनिया, हरी मिर्च और लहसुन को थोड़ा दरदरा पीसिए – इतना कि खुशबू से मोहल्ला जाग जाए।
🔹 STEP 2: बेस मसाला – सुगंध से शुरुआत
कढ़ाही में तेल गरम करें।
राई डालें – तड़कते ही जीरा और कड़ी पत्ते डालें।
अब हींग की एक चुटकी – और फिर कटे हुए प्याज।
प्याज को हल्का सुनहरा होने तक भूनिए।
💡 टिप: अगर मसाला सूख रहा हो, तो थोड़ा पानी छिड़क दें – जलने नहीं देना है।
🔹 STEP 3: वतन और मसालों की बारात
तैयार वतन डालिए और भूनिए जब तक कच्ची खुशबू खत्म न हो।
अब बारी है सारे सूखे मसालों की – लाल मिर्च, हल्दी, धनिया, जीरा, और वो खास कंदा लसूण मसाला।
🔹 STEP 4: आलू का आगमन
कटे हुए आलू डालिए और अच्छे से मसाले में लपेटिए।
थोड़ा पानी डालें, ढककर पकाइए जब तक आलू 70% पक न जाएं। बीच-बीच में चलाना न भूलें।
🔹 STEP 5: टमाटर का तड़का और मूंगफली की मिठास
अब डालिए टमाटर प्यूरी और कुछ ताजे कड़ी पत्ते।
ढककर पकने दीजिए जब तक आलू पूरी तरह पक न जाएं।
अंत में, गरम मसाला और दरदरा मूंगफली पाउडर डालें।
💡 पानी कम लगे तो थोड़ा और डालें – ग्रेवी जितनी चाहें उतनी।
🔹 STEP 6: धनिया छिड़कें और परोसें – प्यार से!
ऊपर से ताज़ा कटा हरा धनिया।
गरमागरम परोसिए – चाहें तो पूरी के साथ, या चावल के साथ।
🤌 कुछ पर्सनल टिप्स – जो मैंने सीखे सालों में:
कड़ी पत्ते हमेशा ताज़े इस्तेमाल करें – सुगंध दोगुनी हो जाती है।
मूंगफली को हल्का सा भून लें, फिर पीसें – स्वाद में फर्क महसूस होगा।
आलू उबाल कर डालने की बजाय कच्चे डालें – मसाले का स्वाद अंदर तक जाता है।
वतन को कभी ज़्यादा पानी के साथ मत पीसिए – दरदरा और गाढ़ा ही चाहिए।
🫓 किसके साथ खाएँ?
गरमागरम पूरी या रोटी – सर्दी हो या बारिश, एकदम सोल फूड!
चावल के साथ जब ग्रेवी थोड़ी ज़्यादा हो – ऊपर से घी डालिए… और फिर देखिए मज़ा!
भाकरी या ज्वार की रोटी के साथ खाएँ, और साथ में प्याज़ और छास – बस, महाराष्ट्र आपके प्लेट में आ जाएगा।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
1. क्या मैं मूंगफली की जगह कुछ और इस्तेमाल कर सकता हूँ?
हाँ, अगर एलर्जी है तो काजू का दरदरा पाउडर भी इस्तेमाल कर सकते हैं – लेकिन स्वाद थोड़ा अलग होगा.
2. यह डिश कितनी तीखी है?
जैसी आप चाहें! मसाले कम-ज्यादा करके तीखापन कंट्रोल कर सकते हैं।
3. क्या इसे पहले से बना सकते हैं?
बिलकुल! एक रात पहले बनाइए, और अगले दिन तो स्वाद दुगना हो जाता है।
4. क्या यह शुद्ध शाकाहारी और वेगन है?
जी हाँ! कोई दूध या घी नहीं, 100% वेगन।
5. सिलबट्टा नहीं है, तो क्या करें?
मिक्सी से काम चल जाएगा – बस दरदरा रखें, पेस्ट मत बनाइए।
❤️ अंतिम शब्द – खाना सिर्फ खाना नहीं होता...
यह रेसिपी मेरे लिए सिर्फ एक डिश नहीं है – यह मेरी माँ की याद है, मेरी जड़ों का स्वाद है, और हर उस रविवार की सुबह है जब पूरे घर में एक ही आवाज़ गूंजती थी –
“भाजी तैयार है!”
अगर आपको यह रेसिपी पसंद आई हो, तो ज़रूर ट्राय कीजिए, फोटो लीजिए, और हमें बताइए कि आपके घर की खुशबू कैसी बनी।
खाना बनाना एक कला है, और उसमें आत्मा तब आती है जब आप उसमें दिल लगाते हैं।
तो अगली बार जब आप आलू की सब्ज़ी बनाएं, तो सिर्फ आलू ना डालें – उसमें यादें, खुशबू, और थोड़ा सा प्यार भी मिलाइए।