"जब पहली बार मैंने सुल्तानी दाल बनाई थी, तब घर की रसोई किसी नवाबी रसोई की तरह महक रही थी। वह गाढ़ी खुशबू, मक्खन जैसा स्वाद, और मसालों की गूंज… जैसे इतिहास की थाली परोस दी गई हो।"
🫕 एक झलक रेसिपी की
👨👩👧👦 सर्विंग: 6–7 लोग
⏱️ तैयारी में समय: 5 मिनट
🔥 कुकिंग टाइम: 60 मिनट
🛒 सामग्री
1. मसाला पोटली के लिए:
लौंग – 8-9
दालचीनी – ½ इंच टुकड़ा
तेज पत्ता – 2
हरी इलायची – 4
2. दाल के लिए:
घी – 1 टेबल स्पून
तूर दाल – 1 कप (धोकर भिगोई हुई)
चना दाल – ½ कप
नमक – 1 टीस्पून
पानी – आवश्यकतानुसार
मसाला पोटली
3. पहला तड़का:
घी – 3 टेबल स्पून
जीरा – 1 टीस्पून
अदरक-लहसुन पेस्ट – 1 टेबल स्पून
हल्दी पाउडर – ½ टीस्पून
धनिया पाउडर – ½ टीस्पून
जीरा पाउडर – ½ टीस्पून
लाल मिर्च पाउडर – ¼ टीस्पून
दही (फेंटा हुआ) – 1½ कप
काजू पेस्ट – ½ कप
नमक – ½ टीस्पून
हरी मिर्च – 2 (बीच से चिरी हुई)
4. दूसरा तड़का:
घी – 2 टेबल स्पून
लहसुन (कटा हुआ) – 1 टेबल स्पून
हींग – ½ टीस्पून
लाल मिर्च पाउडर – ½ टीस्पून
5. गार्निश के लिए:
भुने प्याज का पेस्ट – 1 टेबल स्पून
बिरिस्ता (क्रिस्पी तले प्याज) – ½ कप
🥘 बनाने की विधि
1. मसाला पोटली तैयार करना
एक साफ मलमल के कपड़े में लौंग, दालचीनी, तेज पत्ता और इलायची बांधें। अच्छे से गांठ लगाएं ताकि पकते समय मसाले बाहर न निकलें।
2. दाल पकाना
एक कुकर में घी गरम करें, भिगोई हुई दोनों दालों को सुनहरा भूनें। फिर पानी, नमक और मसाला पोटली डालें। 3-4 सिटी आने तक पकाएं। जब दाल नरम हो जाए, मसाला पोटली निकालकर दाल को हल्का मसल लें।
3. पहला तड़का लगाना
कढ़ाई में घी गरम करें, जीरा चटकाएं। अदरक-लहसुन पेस्ट डालें और अच्छी तरह भूनें। फिर सभी सूखे मसाले डालें। अब फेंटा हुआ दही और काजू पेस्ट डालें। कुछ देर पकाएं। फिर हरी मिर्च और नमक डालें। पक चुकी दाल इसमें मिलाएं और धीमी आंच पर 10 मिनट तक पकाएं।
4. दूसरा तड़का लगाना
एक छोटे पैन में घी गरम करें। लहसुन सुनहरा भूनें। फिर हींग और लाल मिर्च पाउडर डालें और तुरंत दाल में डाल दें।
5. गार्निश और सर्विंग
भुना प्याज पेस्ट डालें और ऊपर से क्रिस्पी बिरिस्ता डालें। गरमा-गरम परोसें – नान, तंदूरी रोटी या जीरा राइस के साथ।
📌 परोसने के सुझाव
जीरा राइस या साधे घी वाले चावल के साथ
तंदूरी रोटी या बटर नान के साथ
खट्टा आम का अचार, पापड़ और खीरे का रायता साथ में परोसें
💡 पर्सनल टिप्स और राज
दाल को घी में भूनना ही इसका असली रहस्य है – यह स्वाद में गहराई लाता है।
दही डालते वक्त आंच धीमी रखें, और लगातार चलाते रहें ताकि दही फटे नहीं।
काजू का पेस्ट ना हो तो दूध और मलाई का मेल भी चल सकता है, लेकिन स्वाद थोड़ा बदलेगा।
अंतिम तड़का ना भूलें – वही इस दाल को ‘सुल्तानी’ बनाता है।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. दाल में दही क्यों डालते हैं?
A. इससे स्वाद में क्रीमीनेस और हल्की सी खटास आती है – जो इसे खास बनाती है।
Q2. काजू पेस्ट की जगह क्या उपयोग कर सकते हैं?
A. बादाम पेस्ट या फ्रेश क्रीम चल सकती है, पर काजू का स्वाद सबसे बेहतर आता है।
Q3. बिना प्रेशर कुकर कैसे बनाएं?
A. धीमी आंच पर 45-50 मिनट तक उबालें जब तक दाल पूरी तरह गल न जाए।
✨ आख़िरी शब्द
Awadhi Sultani Dal महज एक व्यंजन नहीं, बल्कि एक अनुभव है। हर चम्मच में इतिहास की खुशबू, मसालों का संगीत, और आपकी रसोई से उठती नवाबी शान की कहानी है। इसे एक बार बनाएं… फिर हर खास मौके पर यही माँगी जाएगी!